ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर क्यों बना होता है X का निशान, जानिए इससे जुड़ी राज की बात

इंडियन रेलवे- देश की लाइफलाइन! भारतीय रेल के भविष्य को लेकर जितनी बड़ी प्लानिंग होती हैं, उतना ही गहरा इसका इतिहास भी है! देश के ज्यादातर लोगों ने ट्रेन में सफर किया होगा! हर साल हजारों-लाखों यात्री ट्रेन में सफर करते हैं! लेकिन, क्या आप अपनी रेलवे को जानते हैं! कितनी बातें हैं जो आप इंडियन रेलवे के बारे में बता सकते हैं! नियमों से लेकर नंबर का राज, ट्रेन की डिब्बों पर बने निशानों के राज, कितना कुछ है! आज हम इन्हीं में से एक राज आपको बताने जा रहे हैं!



रेलवे में 'X' का निशान

क्या आपने कभी ट्रेन से सफर करते वक्त यह गौर किया है कि ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर बड़ा सा 'X' का निशान होता है! ज्यादातर यात्रियों ने आखिरी बोगी के पीछे 'X' का काफी बड़ा निशान जरूर देखा होगा! लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि भारत में चलने वाली सभी पैसेंजर ट्रेनों के पीछे ये 'X' का निशान क्यों बना होता है?

पैसेंजर ट्रेनों में होते हैं ये निशान

ट्रेन के अंत में बने ये निशान सफेद और पीले रंग के होते हैं! भारतीय रेल के नियमों के मुताबिक, ये निशान सभी पैसेंजर ट्रेनों के अंत में होना अनिवार्य है! इसके साथ ही आपने कई ट्रेनों पर LV भी लिखा देखा होगा! इसके अलावा ट्रेन के पीछे एक लाल रंग की ब्लिंक करने वाली बत्ती भी होती है!


सिक्योरिटी और सेफ्टी कोड

यह रेलवे का एक कोड है, जो सिक्योरिटी और सेफ्टी के पर्पस से ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर बनाया जाता है! इसके एक नहीं कई मीनिंग हैं, किसी ट्रेन पर यह निशान नहीं है तो इसका मतलब होता है कि ट्रेन में कुछ प्रॉब्लम है या ट्रेन का कोई डिब्बा छूट गया है! यह रेलवे स्टाफ के लिए एक तरह से अलर्ट का काम करता है! ऐसा होने पर वे कुछ दुर्घटना होने के पहले कोई एक्शन ले सकते हैं! एक यात्री के तौर पर सुरक्षित रहने के मकसद से आप भी ट्रेन में सफर से पहले लास्ट बोगी पर यह निशान देख संतुष्ट हो सकते हैं!

क्या होता है LV का मतलब?

'X' के साथ एक बोर्ड और भी लगा होता है जिस पर LV लिखा होता है! LV का फुल फॉर्म 'last vehicle' है जिसका मतलब है आखिरी डिब्बा! 'X' के निशान के साथ-साथ LV रेल कर्मचारियों को इस बारे में सूचना देता है कि वह रेल का आखिरी डिब्बा है! अगर किसी मामले में ट्रेन के आखिरी डिब्बे पर इन दोनों में से कोई भी संकेत नहीं है तो इससे साफ पता चलता है कि ये एक आपातकालीन स्थिति है! ऐसे मामले में ट्रेन के आखिरी कुछ डिब्बे बाकी ट्रेन से अलग हो जाती है! जिसे देखते ही रेलकर्मी अपने-अपने काम में लग जाते हैं!

ब्लिंक लाइट क्या निर्देश देती है?

इसके अलावा ट्रेन के पीछे लगी लाल रंग की चमकीली ब्लिंक लाइट ट्रैक पर काम करने वाले कर्मचारियों को निर्देश देती है कि ट्रेन उस जगह से निकल चुकी है, जहां वे काम कर रहे होते हैं! कई बार खऱाब मौसम और घने कोहरे में ट्रेन को साफ देख पाना काफी मुश्किल होता है! ऐसी स्थिति में ये लाइट कर्मचारियों की काफी मदद करती है. इसके साथ ही ये लाइट पीछे से आ रही ट्रेन के लिए भी इशारा करती है कि उसके आगे एक और ट्रेन है!

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